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एक बूँद हूँ पर अन्तस में मैने सागर को पाया है, बनने को सागर बन जाउँ तटबन्धों से डर लगता है| सम्बन्धों से डर लगता है| अनुबन्धों से डर लगता है|
  
कभी सागर की गहराई में जाने की तमन्ना है
कभी आकाश के तारों को पाने की तमन्ना है
अभी वो सीख ना पाया ज़मीं पे चैन से रहना
सुना है चांद पर भी घर बनाने की तमन्ना है
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