एक बूँद हूँ पर अन्तस में मैने सागर को पाया है, बनने को सागर बन जाउँ तटबन्धों से डर लगता है| सम्बन्धों से डर लगता है| अनुबन्धों से डर लगता है|

 चित्रदीर्घा :कवि, गीतकार                विदेश यात्रा   शब्दांचल