सुनो मेरे मीत, राष्र्ट- भावना के गीत और प्रीति की प्रतीति लेके आया तव धाम जी आपके अतीत के ही संस्कार वाली रीत पावन सी प्रीत लेके आया तव धाम जी गई अब बीत ठिठुरन ॠतु शीत की रे टेसु रंग पीत लेके आया तव धाम जी हो रहा प्रतीत, होगी प्रेम की ही जीत भैया होली के ये गीत लेके आया तव धाम जी
यौवन पे है उमंग औ’ वसंत की तरंग मद भरे रंग ले निराली होली आई रे दिलदार संग-संग झूमते हैं पी के भंग भीगे अंग-अंग मतवाली होली आई रे उठती उचंग तन हो रहा मलंग आज देख सभी हुए दंग आली होली आई रे मचा हुड़दंग पिचकारियों की छिड़ी जंग प्रेम के प्रसंग रसवाली होली आई रे
देवरों ने रंग डाले भाभियों के प्रिय अंग देवरानियों की ससुराली होली आयी रे जीजाओं के हाथों में गुलाल सालियों के किये गाल लाल-लाल जो रंगीली होली आई रे युवा बने ग्वाल बाल बालाए ग्वालिन बनी लगे मानो बरसाने वाली होली आयी रे साठ साल वालों के भी दिल हैं जवान आज सब के गालों पे छायी लाली होली आई र |