विश्व हिन्दी सम्मेलन की सभी को है बधाई हिन्दी माँ के इस प्यारे ग्राम को प्रणाम है सैकड़ो बरस की जो साधना का है प्रताप माई बाप वाले प्रिय धाम को प्रणाम है सूर,तुलसी,कबीर, मीरा की परम्परा की कविताओं वाली दिव्य शाम को प्रणाम है हरी-भरी धरती के रुप को प्रणाम मेरा हिन्दी छवि वाले सूरीनाम को प्रणाम है |